कोरोनरी हृदय रोग के लिए प्राकृतिक उपचार Natural Remedies For Coronary Heart Disease

Natural Remedies For Coronary Heart Diseaseअगर आप अपने दिल के स्वास्थ्य को ठीक रखना चाहते हैं, तो आप तीन बातों पर ध्यान दें। 1- पौष्टिक खाद्य पदार्थों का चयन करें जो आप के दिल के स्वास्थ्य के लिए उचित हो। 2- शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। 3- धूम्रपान से बचें। दिल के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए निम्न लिखित बातों पर ध्यान दें –

दिल को स्वस्थ रखने वाला भोजन करें Take Heart Healthy Diet

दिल को पोषण देने वाला प्राकृतिक आहार लेने से आपको दिल को स्वस्थ रखने मे मदद मिलेगा। दिल को स्वस्थ रखने वाला आहार लेने से दिल की समस्याओं का इलाज करने मे भी सहायता मिल सकता हैं।
दिल के स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए निम्नलिखित आहार का लेना लाभकारी है –

  • ओमेगा 3 – रोज 1 चम्मच मछली का तेल लें।
  • हल्दी और लहसुन
  • सेलेनियम
  • विटामिन सी
  • विटामिन डी
  • विटामिन ई

खानपान ऐसा होना चाहिए कि दिल को मजबूत और स्वस्थ रखे तथा शरीर का वजन यदि ज्यादा हो तो कम करे।

नियमित व्यायाम करें Exercise Regularly

व्यायाम के कई प्रकार और लाभ हैं, यह जानना जरूरी है कि व्यायाम रक्त प्रवाह में सुधार करता है और हृदय रोग मे लाभकारी है। व्यायाम से कोशिकाओं में अधिक ऑक्सीजन आती है तथा हार्मोन और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने मे सहयोग मिलता है।

अध्ययनों से ज्ञात होता है कि व्यायाम कुछ हद तक दवाओं को भी दिल के लिए लाभकारी बनाने मे सहयोग करता है। व्यायाम अक्सर कोरोनरी हृदय रोग के लिए रोकथाम, दिल का उपचार और मधुमेह की रोकथाम मे सहयोग करता है।

तनाव में कमी Reduce Stress

तनाव हृदय रोग को बढ़ाता है। आज कल के हमारे आधुनिक और तेजी से विकास करने वाली जीवन शैली के कारण, होने वाला गंभीर तनाव हमारे शारीरिक प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित कर सकता है, चयापचय धीमा कर सकता है, डिटॉक्सिफिकेशन और सेल्स को भी प्रभावित कर सकता है।
एक शोध से पता चलता है कि प्राकृतिक रूप से तनाव को कम करने के लिए कैफीन का उपयोग करना, उचित नींद, काम करने मे ब्यस्थ रहना, पूजा-पाठ, प्रार्थना तथा ध्यान करना, खाना बनाना और परिवार तथा पालतू जानवरों के साथ समय बिताना चाहिए।

आवश्यक तेल Essential Oil

कुछ ऐसे तेल हैं जो हृदय रोग से संबंधित सूजन और हृदय रोग के लक्षणों को कम करने मे मदद कर सकते हैं। हेलिचिसम तेल , लेमोन्ग्रास तेल, अदरक का तेल और नारियल का तेल सीने पर मालिस कर सकते है।

मोटापा और हृदय रोगों के बीच सम्बंध Relationship between obesity and cardiovascular diseases

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मोटापा को अत्यधिक वसा के रूप में परिभाषित किया गया है जो हृदय स्वास्थ्य को जोखिम मे डालता है। मोटापा को बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) में मापा जाता है, जो व्यक्ति के वजन और ऊंचाई के हिसाब से मापा जाता है। जिनका 30 या उससे अधिक बीएमआई होता है उस व्यक्ति को मोटा माना जाता है। 25 साल या उससे उपर के बीएमआई वाले व्यक्ति को अधिक वजन वाला आदमी माना जाता है।

अमेरिका में, लगभग 70% वयस्कों का वजन ज्यादा या मोटापा है। दुनिया में 2.6 मिलियन मौतों का कारण और 2.3% बीमारी का वजह मोटापा होता है। मधुमेह, कोरोनरी धमनी रोग, स्ट्रोक, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, कैंसर, यकृत और पित्ताशय की थैली रोगों के विकास के लिए मोटापा एक प्रमुख कारक होता है। मोटापा उच्च रक्तचाप, रक्त लिपिड, और रक्त ग्लूकोज से जुड़ा हुआ है।

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